कबीरधाम! अभी कुछ दिनों से डिप्टी सीएम विजय शर्मा को आप स्मार्ट क्लास का शुभांरभ करते देखे ही होंगे गर धरातल की बात करें तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है ।
जी हा हम बात कर रहे हैं डिप्टी सीएम विजय शर्मा के गृह जिले में स्थापित आदिवासी बालक आश्रमों की जहां न तो पढ़ाने के लिए शिक्षक है और न विद्यार्थियों के देखभाल के लिए आश्रम अधीक्षक, कहीं चपरासी का तो कहीं प्रधान पाठक के भरोसे आदिवासी बालक छात्रावास और उनमें रहने वाले विद्यार्थी।
एक प्रधान पाठक के भरोसे पूरा छात्रावास , अधीक्षक सहित सहायक शिक्षक कई दिनों से नदारत ।
कबीरधाम जिला डिप्टी सीएम विजय शर्मा का गृह जिला है डिप्टी सीएम साहब के जिला अंतर्गत आने वाली विकास खंड बोड़ला के अंतिम छोर घोर वनांचल क्षेत्र चेंद्रादादर में स्थित बालक आदिवासी छात्रावास में एक अधीक्षक एक प्रधान पाठक सहित दो सहायक शिक्षक पदस्थ हैं ,जिनमें से दो सहायक शिक्षक सहित छात्रावास अधीक्षक बीते कुछ दिनों से नदारत है, पूरा बालक आदिवासी छात्रावास एक प्रधान पाठक के भरोसे चल रहा है, जिससे विद्यार्थियों के पढ़ाई में काफी प्रभाव पड़ रहा है,ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी उप आयुक्त आदिम जाति व विकास खंड शिक्षा अधिकारी को न हो बावजूद ऐसे लापरवाह शिक्षकों पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं किया जाता ।अब सवाल यह भी उत्पन्न होता है जब वहां के सहायक शिक्षक व छात्रावास अधीक्षक अक्सर नदारत होते है बावजूद इनकी पूरी त्वनख्वा बनती कैसी है ?
डिप्टी सीएम विजय शर्मा के गृह जिला का हाल यह है तो सोचो प्रदेश का हाल कितना निंदनीय होगा ?
अब देखना यह होगा कि विभाग में बैठे उच्च अधिकारी बेपरवाह छात्रावास अधीक्षक व सहायक शिक्षकों के विरुद्ध कोई कार्यवाही करते है कि हर बार की तरह मूकदर्शक बन बैठे रहते है ।


